विद्यार्थी जीवन पर निबंध

Essay on Student Life in Hindi

विद्यार्थी जीवन पर निबंध (Essay on Student Life in Hindi): आज हम इस पोस्ट के माध्यम से लेकर आये हैं दो खूबसूरत निबंध विद्यार्थी जीवन पर जिनका प्रयोग आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए कर सकते हैं।

प्रस्तावना

विद्यार्थी जीवन प्रत्येक विद्यार्थी के लिए एक स्वर्णिम अवसर का समय होता है विद्यार्थी का यह जीवन उसके लिए नैतिक मूल्यों को गृहण करने का समय होता है। इस समय में ही विद्यार्थी अपने भविष्य को संवारने के लिए उसकी पहली नींव रखता है, यह उसके द्वारा भौतिक सुखों को छोड़ कर एकाग्र चित्त से ज्ञान को अर्जित करने का भी अवसर होता है, यहीं से विद्यार्थी के अंदर मूल तत्व का विकास होता है।

विद्यार्थी जीवन का अर्थ

विद्यार्थी शब्द विद्या+अर्थी से मिलकर बना है जिसका अर्थ होता है विद्या की इच्छा वाला, विद्या को ग्रहण करने वाला। संक्षेप में कहा जा सकता है कि निरन्तर सीखना और किसी भी विषय का ज्ञान प्राप्त करना ही विद्यार्थी का मुख्य अर्थ है। विद्याध्ययन का काल लगभग 5 वर्ष की अवस्था से आरम्भ हो जाता है और 25 वर्ष तक चलता रहता है। विद्यार्थी काल में विद्यार्थी का मुख्य उद्देश्य ज्ञान ग्रहण करना है।

विद्यार्थी के कर्त्तव्य

प्राचीन काल में विद्यार्थी गुरुकुलों में रहकर शिक्षा अध्य्यन किया करता था। आज शिक्षण कार्य के लिए विभिन्‍न प्रकार की संस्थाओं की स्थापना की गई है। संस्कृत के एक श्लोक (काक चेष्टा, बको ध्यानं, स्वान निद्रा तथैव च। अल्पहारी, गृहत्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणम्। ) के अनुसार विद्यार्थी को कौवे के समान गतिविधि वाला, बगुले के समान ध्यान वाला, कुत्ते के समान नींद वाला, कम भोजन करने वाला और ब्रह्नचारी होना चाहिए। आदर्श विद्यार्थी वही कहा जा सकता है, जिसमें सबसे पहला गुण विनम्रता हो। विद्यार्थी जीवन, जीवन की पहली सीढ़ी है। आदर्श विद्यार्थी का दूसरा आदर्श है कि अनुशासन प्रिय होना है। अनुशासन प्रिय विद्यार्थी का जीवन नियमित होता है तथा अध्यापक उससे प्रभावित होते हैं। परिश्रमी होना विद्यार्थी जीवन का सबसे बड़ा आभूषण है।

विद्यार्थी सभी प्रकार के सुखों को त्यागता है। एक-एक क्षण का उपयोग कर वह निरंतर अपने ज्ञान के भण्डार को भरता है। परिश्रम ही उसकी पूंजी होती है। रात्रि के समय जब लोग सोते हैं, तब विद्यार्थी अपना अध्ययन करता है। वर्तमान युग में पाठयक्रम बढ़ जाने से तो उसे और भी अधिक परिश्रम करना आवश्यक है। यदि विद्यार्थी व्यर्थ के में उलझ जाता है, यदि फैशन के प्रति आकर्षित हो जाता है तो वह अपने उद्देश्य से भटक जाता है। विद्यार्थी को कुसंगति से दूर रहना चाहिए। विद्यार्थी का जीवन सादा और विचार उच्च होने चाहिएं। आदर्श विद्यार्थी को मितव्ययी और मधुरभाषी, अभिमान रहित तथा आत्मनिर्भर होना चाहिए।

विद्यार्थी और राजनीति

प्राचीन भारत में राजा का पुत्र भी राजनीति से अलग होकर विद्या अध्ययन करता था परन्तु आधुनिक काल में विद्यार्थी अध्ययन को गौण मानकर राजनीति के कुचक्रों में फंस जाता है। आज का विद्यार्थी अपने लक्ष्य से भटक कर व्यर्थ के कार्यों में समय व्यतीत करता है। विद्यार्थी को राजनीति में सक्रिय रुप से भाग नहीं लेना चाहिए। राजनीति का उसे ज्ञान होना चाहिए। अपने विचारों को निष्पक्ष होकर प्रकट करने की समझ होना चाहिए। परन्तु आवेश में आकर अपने मार्ग से नहीं भटकना चाहिए।

उपसंहार

वर्तमान युग में विद्यार्थी जीवन के आदर्श लुप्त हो गए हैं। आज विद्यार्थी में विनम्रता के स्थान पर उद्धंडता आ गई है। वह केवल परीक्षा पास करने में ही अपनी सफलता मानता है। आज का विद्यार्थी मर्यादा को त्याग कर माता-पिता तथा गुरुजनों के प्रति अभद्र व्यवहार करता है। यदि उसे अपने भविष्य जीवन और राष्ट्र से प्यार है तो उसका एकमात्र उद्देश्य विद्या ग्रहण करना होना चाहिए।


विद्यार्थी जीवन पर निबंध( 500 शब्द )

विद्यार्थी जीवन पाँच वर्ष की आयु से आरंभ हो जाता है। इस समय जिज्ञासाएँ पनपने लगती हैं। ज्ञान-प्यास तीव्र हो उठती है। बच्चा विद्यालय में प्रवेश लेकर ज्ञानार्जन के लिए तैयार हो जाता है। उसे घर की दुनिया से बड़ा आकाश दिखाई देने लगता है, नए शिक्षक नए सहपाठी और नया वातावरण मिलता है। वह समझने लगता है कि समाज क्या है, और उसे समाज में किस तरह रहना चाहिए। उसके ज्ञान का फलक विस्तृत होता है। पाठ्य-पुस्तकों से उसे लगाव हो जाता है। वह ज्ञान रस का स्वाद लेने लगता है जो आजीवन उसका पोषण करता रहता है।

विद्यार्थी जीवन में छात्र को सही गलत, वैध अवैध, नैतिक अनैतिक, व्यवहार दुर्व्यवहार के फर्क को अच्छी प्रकार से सिखाया जाता है। एक अच्छे विद्यार्थी का पहला गुण अनुशासन होता है। वह अनुशासन में रह कर अपने माता-पिता, गुरुजनों के आदेशों का पालन करते हुए एक अनुशासित विद्यार्थी होने का कर्तव्य निभाता है। ये कर्त्तव्यनिष्ठा ही उसको आगे के मार्ग पर चलने के लिए प्रशस्त करती है।

एक कर्तव्यनिष्ठ विद्यार्थी ही कठिन संघर्ष करके परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर अपने विद्यालय, गुरुजनों और अपने माता-पिता का सिर गर्व से ऊँचा रखता है। ये सभी उपलब्धियां उसको उच्च शिक्षा के लिए प्रेरणा देती हैं।

विद्यार्थी जीवन में होने वाली गलतियां

विद्यार्थी जीवन में हमसे कई प्रकार की गलतियां होती हैं। लेकिन हमें इसका अंदाजा बाद में होता है। आज हम यहां पर विद्यार्थी जीवन में होने वाली गलतियों के बारे में विचार करने वाले हैं, जो की कुछ इस प्रकार हैं ।

  • बुरी आदतों के साथ-साथ बुरी हरकतें भी घर करने लगती हैं, जिसमें धूम्रपान (स्मोकिंग) करना, ड्रिंक करना, रात भर घर से बाहर रहना इस तरह की बुरी आदतें शामिल है।
  • अक्सर विद्यार्थी, जीवन में अपने सही मार्ग से पीछे हट जाते हैं, और गलत संगत में आने लगते हैं। जिससे जीवन खतरे में हो सकता है।
  • ऐसे समय में हम ज्यादातर बड़ों की बातों को नकार देते हैं, और उनकी बातों को महत्त्व भी नहीं देते हैं, जो कि गलत है।
  • घर की जिम्मेदारियों से दूर भागते हैं, और अपनी जिम्मेदारियों को किसी दूसरे के कंधे पर लाद देते हैं।
  • हमेशा अपने काम में ही व्यस्त रहते हैं, और किसी पर भी ध्यान नहीं देते हैं।
  • विद्यार्थी जीवन में सबसे महत्वपूर्ण योगदान हमारी पढ़ाई का होता है, और उस समय हम पढ़ाई पर ध्यान न देकर दूसरे व्यर्थ कार्यों की तरफ ज्यादा ध्यान देने लगते हैं, जो कि जीवन की बड़ी गलतियों में से एक है।

उपसंहार

इस प्रकार से हमने देखा कि विद्यार्थी जीवन हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। ज्ञान की प्राप्ति से आसानी से ही समस्या का हल निकाला जा सकता है, और भविष्य को सही दिशा की ओर ले जाया जा सकता है। कई बार ऐसा होता है, कि विद्यार्थी जीवन में भटकाव आने लगते हैं इसलिए हमें चाहिए कि हम एकाग्र होकर अपनी शिक्षा पे ध्यान दें और गलत कार्यों से स्वयं को दूर रखें।

आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखे गए ये विद्यार्थी जीवन पर निबंध (vidyarthi jeevan par nibandh) ज़रूर पसंद आये होंगे। ऐसे ही और निबंध पढ़ने के लिए हमारी साइट पर बने रहें।


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